हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस को "तहज़ीब-उल-अहकाम" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم:
لا يَزالُ النّاسُ بِخَيْرٍ ما اَمَروا بِالْمَعْروفِ وَ نَهَوا عَنِ الْمُنْكَرِ وَ تَعاوَنوا عَلَى البِرِّ وَ التَّقْوى فَاِذا لَمْ يَفْعَلوا ذلِكَ نُزِعَتْ مِنْهُمْ الْبَرَكاتُ وَ سُلِّطَ بَعْضُهُم عَلى بَعْضٍ وَ لَمْ يَكُنْ لَهُمْ ناصِرٌ فِى الاَْرْضِ وَ لا فِى السَّماءِ
अल्लाह के पैगंबर (स) ने फ़रमाया:
जब तक लोग अम्र बिल मारूफ़ और नही अज़ मुनकर देते रहे और तकवा और नेकी मे मदद करते रहे तो वो ख़ैर और भलाई मे है लेकिन जब वो ऐसा नही करेंगे (इस फ़रीज़ो को तरक कर देंगे) तो उनसे बरकत उठा ली जाएगी और उनमे से कुछ दूसरे कुछ लोगो के ऊपर पर मुसल्लत हो जाएंगे और धरती और आकाश में उनका कोई सहायक न होगा।
तहीब अल-अहकाम, भाग 6, पेज 181, हदीस 373